हरी सब्जियों के दाम ने बिगाड़ा रसोई का बजट, किलो की जगह पाव से चला रहे काम

बलौदाबाजार,
फागुलाल रात्रे, लवन।
इन दिनों थाली की शोभा बढ़ाने वाली सब्जियों का स्वाद महंगा हो गया है। बाजार में एक-दो सब्जी ही नही बल्कि अधिकांश सब्जियों के दाम बढ़े हुए है। फूटकर बाजार में लौकी, भिंडी, हरी मिर्ची, अदरक, धनिया, टमाटर करेला सहित अन्य सब्जियों की कीमत काफी बढ़ गई है। कुछ महिनों पहले 10-15 रूपये किलो बिकने वाला टमाटन इन दिनों 30-40 रूपये किलो बिक रहा है। बारिश के दिनों में हर वर्ष सब्जियों के भाव बढ़ते है। हरि सब्जियों के भाव 40 से 50 रूपये किलो हो गये है। आलू व टमाटर के दामों में वृद्वि लोगों के जेबों पर भारी पड़ रहा है। दूसरी तरफ फूटकर व्यापारियों का कहना है कि थोक में उन्हें सब्जी महंगी मिल रही है, इसलिए उन्हें महंगे दामों में बेचना पड़ रहा है। बारिश में सब्जियों की पैदावार कम होती है जबकि खपत उतनी ही बनी रहती है। कुछ सब्जी बरबट्टी, सिमला मिर्च, परवल, गोभी के दामों 40 से 60 रूपए प्रति किलो तक पहुंच गए है। वही, सब्जी विक्रेताओं का कहना है कि अभी वर्तमान में यही स्थिति बनी रहेगी। महंगी हरी सब्जियो ने रसोई का बजट बिगाड़ दिया है। पिछले एक-डेढ़ महिनों में सब्जियों के दाम दोगुना तक पहुंच गए है। सब्जी मण्डी में थोक के दामों में हुई बढ़ोतरी का असर फुटकर बाजार में पड़ रहा है। हरी सब्जियों में महंगाई का तड़का लगने से सबसे ज्यादा गरीब वर्ग परेशान है। सब्जियों के भाव सुनकर खरीदने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहा है। किलों की जगह पाव भर से काम चला रहा है।

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